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इन लव विथ बिलियनेयर( कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ) (भाग-28)









पिछले भाग में आपने  पढ़ा था कि अवनी के हाथ से जब वो डायरी नीचे गिरती है तो वो उठाने के लिए झुकती है और देखती है कि अलमीरा के नीचे डोर है ,
अब आगे 

अवनी - ( सोचते हुए ) अब ये  कैसा दरवाजा है ......
( फिर डायरी उठाकर  जाने लगती है तो कुछ सोचकर रुक जाती है और कहती है )
अवनी - अब जब यहां आ ही गई हूं तो पूरा राज जानकर ही जाऊंगी .....( पैरों को सहलाते हुए मुंह फुलाए हुए ) पता नहीं इस ऋषभ जी को क्या दिक्कत है ..  अपने आपको समझते क्या है 😏 .... माना कि जाने माने बिजनेस मैन है पर मै भी तो अवनी कश्यप हूं ...अब तो इनसे बात ही नहीं करूंगी ..

( फिर वो अपनी साड़ी को ठीक करके अलमीरा पकड़ कर  खींचने लगती है तो हैरान हो जाती है कि अलमीरा इतनी हल्की है ... वो खुश होकर खींच कर दूसरी साइड कर देती है और फिर दरवाजे की कुण्डी खोलकर देखती है कि एक सीढ़ी नीचे जा रही है और बिल्कुल अंधेरा है ....

अवनी - ( डरते हुए ) जाऊ या नहीं ....

( फिर  कुछ देर बाद खुद को हिम्मत देती है और मोबाइल का टॉर्च जलाकर ..सीढ़ियों से उतरने लगती है ... लगभग 20 सीढ़ियां पार करने के बाद वो एक अंधेरे कमरे में पहुंच जाती है , खुद को चीजों से बचाते हुए प्लग खोजती है और लाइट ऑन करके देखती है कि वो एक हॉल के बराबर कमरे में खड़ी है ...वो हैरानी से दीवारों ,सामने टेबल ,चारो तरफ देखती है कि फोटोग्राफ ही लगी हुई .....जिसमे वो औरत भी है जिसकी फोटो रूम मे थी ...फिर कुछ मे उस बच्चे की फोटो भी होती है ..सामने के दीवार की फोटो मे उस बच्चे का जन्मदिन मनाया जा रहा है तो कुछ मे  वो खेल रहा स्कूल के कपड़े मे , एक फोटो मे न्यूबॉर्न बच्चे की भी  फोटो है .......वो दीवार के करीब जाती है और फोटो को छू कर कहती है ,
अवनी - ये है किसकी फोटो 🤔...और ऋषभ जी के घर में क्या कर रही .... कही ऋषभ जी तो नहीं है ...( कुछ सोचकर ) नहीं नहीं ऐसा कैसे हो सकता है......ये औरत तो मॉम है नहीं .....

( यही सोचते सोचते वो टेबल के पास बैठ जाती है .. पहले से ही तबियत पूरी तरह से ठीक ना होने पर उसे कमजोरी महसूस होता है तो वो अपना सर नीचे करके बैठ जाती है और सो जाती है ....अगली सुबह उसकी नींद खुलती है तो चारो तरफ देखकर कहती है ,
अवनी - ओह गॉड अभी भी यही पर हूं ...

( फिर वो उठकर  टेबल पर रखे एल्बम को खोलकर देखती है जिसमे उस औरत की शादी की फोटो होती है ...अवनी वहीं एल्बम खोलकर फिर से बैठ जाती है और देखती है कि जिससे उस औरत की शादी हो रही वो कोई और नहीं बल्कि अनंत जी है ......वो ये देखकर हैरान हो जाती है ...उसे कुछ समझ नहीं आता है कि ये क्या है .....वो फिर एल्बम मे से एक उस औरत  और  बच्चे की फोटो लेती है और कमरे में देखती है कि सामने रूम मे एक गैलरी है ....वो फिर गैलरी से जाने लगती है और तभी एक दरवाजा आता है जिसपर वहीं फूल बना होता है जो पहले उस कमरे के दरवाजे पर था ........ फिर पहले जैसे किया था उसी को सोचकर वो अपनी उंगली को फूलो पर  घुमाती है और जैसे ही दरवाजा खुलता है वो हैरान हो जाती है कि वो फिर से उसी कमरे में है जहां से ऋषभ उसे ले गया था ......वो भागकर कमरे में जाती है और दरवाजे को खींचती है तो वो खुल जाता है और वो सीधे कमरे से बाहर निकलकर देखती है कि सामने लाइब्रेरी के डोर के  पास ऋषभ बैठा हुआ है ......वो धीरे - धीरे जाती है और ऋषभ के पास बैठकर उसका हाथ हिला कर कहती है ,

अवनी -( धीरे से ) ऋषभ जी आपको बेड की कमी है क्या जो यहां सो रहे ...
( ऋषभ नींद में होता है पर अवनी की आवाज सुनकर उसे खींच कर खुद से चिपका लेता और कहता है )
ऋषभ -( नींद में ही ) आई एम रियली सॉरी .... सच्ची मुझसे गलती हो गई ... प्लीज मुझे छोड़ कर मत जाना ....
अवनी -( हंसते हुए ) मै क्या पागल हु जो आपको छोड़ कर जाऊंगी ....

( फिर वो भी ऋषभ को कसकर पकड़ लेती है पर थोड़ी देर बाद खुद से  कहती है ..ये क्या कर रही मै ......खुद को ऋषभ से दूर करती है और कहती हैं )
अवनी -( ऋषभ को हिला कर ) अरे जागिए  ..ऋषभ जी जागिए ...
( अवनी उसे तेज तेज हिला रही होती है कि वो हड़बरा कर आंखे खोलता है और कहता है )
ऋषभ -( अवनी को देखकर ) मै इतना प्यारा सपना देख रहा था आपने तोड़ क्यों दिया .....


( अवनी उसे अवाक होकर देखने लगती है )

ऋषभ -( हैरानी से ) आप ...आप बाहर कब आईं और कैसे ??
अवनी - जब आप किसी से कह रहे थे कि मुझे छोड़ कर मत जाना  तभी ......

( ऋषभ इधर - उधर देखते हुए कहता है )

ऋषभ - ( दूसरी तरफ चेहरा करके ) मै ...मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा ....आप बस इतना बताइए की आप कहां से आई ...मैंने तो डोर लॉक किया हुआ था .....
अवनी - ( डायरी देते हुए ) ये लीजिए ...

( ऋषभ डायरी लेता है और कभी अवनी को ..तो कभी डायरी को देख कर  कहता है )
ऋषभ - ये आपको कहा से मिली ?
अवनी -( मुंह फेरते हुए ) खुद पढ़ लीजिए ....

( ऋषभ ..अवनी की तरफ मुड़ता  है तो वो दूसरी तरफ मुंह फेर लेती हैं पर तिरछी नजरो से देख रही होती है ......फिर ऋषभ  उस डायरी को देखता है जिसपर लिखा होता है - अनिका ...….....
उसका मुंह खुला का खुल रह जाता है उसके आंखो से आंसू बहने लगता है तो अवनी झट से बैठ जाती हैं और कहती है ,
अवनी -( ऋषभ को पकड़कर ) आप ठीक तो है ??
ऋषभ -( रोते हुए ) ये ...ये मॉम की डायरी है ....
अवनी - ( हैरानी से ) क्या ...क्या मतलब ... कौनसी मॉम ?
ऋषभ -( डायरी को खुद से चिपकाते हुए ) ये मेरी मॉम की डायरी है ....
( अवनी ..ऋषभ को देखने लगती हैं और उसके आंसुओ को पोछते हुए कहती है ) 
अवनी - इसमें ..कुछ लिखा हुआ है.....
( ऋषभ उसकी तरफ देखने लगता है तक वो कहती है )
अवनी - सच्ची मैंने कुछ नहीं पढ़ा है .....सिर्फ पहला पन्ना पढ़ा था .....
( फिर वो डायरी को खोलता है तो अवनी भी उसके बगल मे बैठकर पढ़ने लगती हैं )

     - कैसे हो मेरे लाडले ? .आई होप  खुश ही होगे  .....मुझे नहीं पता तुम ये मेरी डायरी कब पढ़ोगे ..पर जब भी पढ़ना अपने पापा को माफ कर देना ठीक है ....क्योंकि मेरी मौत तुम्हारे पापा की वजह से नहीं  बल्कि एक कार  ऐक्सिडेंट की वजह से हुई थी ...मै कुछ दिन तक ठीक रही ऐक्सिडेंट के बाद ....मैंने तुम्हारा बर्ताव देखा था अनंत जी के साथ पर इससे पहले मै तुम्हे समझाती तुमने नाराज होकर खुद को अपने कमरे में बन्द कर लिए था ......इसलिए मुझे ये डायरी लिखनी पढ़ी ताकि तुम जब भी पढ़ो ..अपने पापा को माफ कर दो ....ठीक है मेरे लाडले बेटे ऋषभ ...मम्मा आपके साथ हमेशा है और  हमेशा खुश रहना ......
- आपकी मम्मा 
( अनिका कश्यप )

ऋषभ ..डायरी पढ़ने के बाद अवनी को देखने लगता है तो वो उससे दूर होते हुए कहती है ,
अवनी - आईएम सॉरी पर ...मै खुद को नहीं रोक पाई उस कमरे में ......
( पूरी बात भी अवनी नहीं कह पाती है कि ऋषभ उसे खींचकर खुद से चिपका लेता है और बाहों में भर कर कहता है )
ऋषभ - थैंक्यू सो मच ... मम्मा की डायरी लाने के लिए ...मुझे लगा था कि अब मेरे पास उनकी कोई निशानी नहीं है .....
( अवनी ..ऋषभ की हरकत से थोड़ा घबरा जाती है फिर भी कहती है )
अवनी - मेरे पास कुछ है ....
ऋषभ -( गले लगाते हुए ही ) क्या ??
अवनी - पहले मुझे छोडिए तो....
( ऋषभ ...अवनी को छोड़ देता है तो  वो थोड़ी दूर हो जाती है और  एक फोटो निकालकर ऋषभ को देकर  कहती है )

अवनी - ये मॉम है ....??
ऋषभ -( मुस्कुराकर) हां मेरी ...मॉम .....

( अवनी फिर शांत  हो जाती है तो ऋषभ कहता है )

ऋषभ -( अवनी की तरफ मुड़ कर ) ये आप कहां से आईं ??
अवनी - पहले प्रोमिस करिए आप कुछ कहेंगे  नहीं ...क्योंकि मुझे बहुत गुस्सा आया था जब आपने डांटा था ...( अपना पैर दिखाते हुए ) ये देखिए कितनी चोट लग गई .और तो और मेरी तबियत ठीक नहीं थी ..फिर भी मुझे डांटा ........

( ऋषभ ..अवनी को इस तरह से शिकायत करते हुए देखने लगता है ....वो मुस्कुराते हुए ही सोचता है कि ( ये सच मे छोटे बच्चो की तरह कितनी शिकायते करती है ) अवनी उसकी आंखो से सामने हाथ हिलाकर कहती है 

अवनी - हेलो हेलो होश में आइए .....
ऋषभ -( होश में आते हुए ) हां प्रोमिस ....
अवनी - मॉम के कमरे में आई हूं .....
ऋषभ - मजाक मत करिए .....
( अवनी कहती है कि मजाक नहीं कर रही ..फिर वो ऋषभ को सब कुछ बताती है तो वो हैरान हो जाता है और कहता है )
ऋषभ - मुझे आज तक क्यों नहीं पता चला ....
अवनी - मुझसे क्यों पूछ रहे है ...वैसे मैंने सुना था कि ये घर आपने ..अलग रहने के लिए लिया था ... राइट ना ??
ऋषभ - हां
अवनी - फिर तो आपको पता ही होना चाहिए था कि इस घर में कोई ऐसा रूम भी है .....
ऋषभ - नहीं पता था ... बचपन में मै यही रहता था मॉम - डैड के साथ .....फिर बड़े होने पर मै अलग रहना  चाहता था तो.. निहारिका मां के समझाने पर  डैड ने ये घर दे दिया ....
अवनी - मॉम बहुत अच्छी है और आपसे बहुत ज़्यादा प्यार करती है......ये देखा है मैंने 
ऋषभ -( अवनी की तरफ देख  मुस्कुराकर ) डैड ने मना किया था लाइब्रेरी के लास्ट कॉर्नर मे जाने के लिए क्योंकि वहां पुरानी चीजे और हमारे पूर्वाजो की डायरिया रखी थी ....पर मुझे नहीं पता था कि यहां मॉम की भी डायरी होगी .....

अवनी - ओह ओक ....  पर सॉरी शायद मुझे ये नहीं पूछना चाहीए पर पूछूंगी जरूर की ...क्यों अलग रह रहे है.?? निहारिका मॉम कितनी अच्छी है ...दोनों देवर जी कितने प्यारे है फिर भी क्यो?
ऋषभ - ( दूसरी तरफ देखते हुए )डैड से दूर रहना चाहता हूं 
अवनी - पर क्यों .... मैंने देखा है आप हमेशा ही डैड से दूर रहते है .... उनसे रूडली बात करते है ...पर अब तो सब ठीक हो गया है ना ...

( ऋषभ कुछ नहीं कहता है )
अवनी -  ( मुस्कुराते हुए ) हम दोस्त बन सकते है क्या ?
ऋषभ -( हैरानी से ) क्या ...क्या मतलब ?
अवनी - मतलब ..की ( सामने देखते गए )...मै आपकी दोस्त बनना चाहती हूं ....अभी भी और कॉन्ट्रैक्ट ख़तम होने के बाद ( ऋषभ की तरफ देखकर)ठीक है .??

( ऋषभ पता ही नही क्यों पर अब कॉन्टैक्ट शब्द सुनकर गुस्सा हो जाता है पर अवनी की मुस्कुराहट देखकर )

ऋषभ - ( हाथ मिलाते हुए ) फ्रेंड्स...
अवनी -( उसके कंधे पर हाथ रखकर) ये हुई ना दोस्तो वाली बात ..( मन में सोचते हुए ) अब बताती हु दोस्त क्या चीज होती है ...😎
ऋषभ - मुझे कुछ दिखाना है आपको?
अवनी - हां ज़रूर दोस्त ...
ऋषभ -( फोटो दिखाकर ) आप कैसे जानती है मिस्टर राजवीर को ??

( अवनी जैसे ही फोटो देखती है ....कंधे पर से हाथ हटा लेती है और ऋषभ को हैरानी से देखने लगती है .....और कहती है )
अवनी - आप मेरी चीजों में छानबीन कर रहे थे??( गुस्से में ही ) 
ऋषभ - नहीं ..नहीं ...पर आज मुझे ये आपके लॉकर से मिला ....
( अवनी ..ऋषभ से दूर हो जाती है और घूरने लगती है)
ऋषभ - आप मिस्टर राजबीर की बेटी है ना ??
अवनी - ( गुस्से में ) मै उनकी बेटी थी..... हूं नहीं ।
ऋषभ -( शांत करते हुए ) प्लीज़ आप गुस्सा मत करिए ...पर 
( अवनी बीच में ही )
अवनी - पर वर क्या ....( ऋषभ को पकड़ कर ) आपको पहले से  पता था ना कि मै किसकी बेटी हूं.....
ऋषभ - नहीं अवनी ....मुझे शादी के बाद पता चला ....
( अवनी .. ऋषभ के हाथ से फोटो लेकर फाड़ देती है और वही फेंक कर जाने लगती है तो ऋषभ उसका हाथ पकड़ कर  कहता है )
ऋषभ - अब आप गुस्सा क्यों कर रही है ...आपने मेरे बारे में छानबीन की ....मैंने आपके ..तो बस बात यही ख़तम करते है ....
अवनी -( मुड़कर ) मुझे आपसे बात नहीं करनी ....और हां उस रूम में आपकी और मां की बहुत सारी फोटोज है तो आप जाकर देख लीजिए
( फिर वो अपना हाथ छुड़ाकर अपने कमरे में चली जाती है तो देखती है कि लिली .अलमीरा में कुछ कर रही है ...)
अवनी - लिली ...तुम ये क्या कर रही हो ??
( लिली हड़बड़ा जाती है और अलमीरा का सामान। छोड़कर कहती है )
लिली - मैम ...मै .. मैम..आपके कपड़े फोल्ड करके रख रही थी .....
( अवनी उसे थोड़ी देर तक देखती हैं फिर सीधे बाथरूम मे चली जाती है फ्रेश होने के लिए .......इधर लिली अलमीरा बन्द करती है और नीचे हॉल में चली जाती है ...........थोड़ी देर बाद ऋषभ अपनी मॉम के उस कमरे से उस सीक्रेट रूम मे जाता है और जी भर के कमरे की  हर एक फोटोग्राफ देखता है और  उसमे से अपनी और मॉम की फोटो लेकर रूम मे आ जाता है जहां अवनी अपनी साड़ी पहन रही होती है .....अचानक से ऋषभ को वहां आया देखकर हड़बड़ा जाती है और भागकर पर्दे के पीछे छुप जाती है ..इधर जब ऋषभ देखता है तो वो भी मुड़ जाता है ...तो अवनी वहीं पास में रखे एक पेन से ऋषभ को मारती है जिससे वो आउच कहकर मुड़ता है तो वो कहती है ,)

अवनी - आपको नॉक करके आना चाहिए था ( गुस्से में ) 
ऋषभ -( मुस्कुराते हुए ) मैडम ये मेरा कमरा भी तो मै कभी भी आ सकता हूं ....
अवनी - आप दोस्त बनाने लायक नहीं हो .....

( ऋषभ ...अवनी को घूरता है और दरवाजा बंद करके बाहर खड़ा हो जाता है .....फिर अवनी जल्दी जल्दी अपनी ड्रेस पहनती है और जैसे ही दरवाजा खोलती है ऋषभ उसके ऊपर गिर जाता है जिससे वो भी गिरने लगती है तो वो उसके सर के पीछे अपना हाथ लगा देता है  फिर दोनों नीचे गिरे पड़े होते है .......अवनी अपनी आंखे खोलती है और उसे देखने लगती है घुर के तो ....वो कहता है ,

ऋषभ - मेरी ग़लती नही है ..वो तो मै दरवाजे पर हाथ रखकर खड़ा था ..मुझे क्या पता था कि आप बिना बताए दरवाजा खोलेंगी ....(हंसने लगता है )

अवनी - आजकल आप बहुत ज़्यादा ही हस रहे हैं.....हटिए मेरे ऊपर से .....मुझे आपसे बात नहीं करनी .
ऋषभ -( दोनों हाथो से उसका गाल दबा देता है और कहता है ) क्या सच्ची नहीं बात करेंगी ..

( अवनी ...कुछ बोलती है पर  ऋषभ को कुछ  समझ नहीं आता है तो वो जोर जोर से हंसने लगता है .......अवनी उसे अपने ऊपर से धकेल कर दूसरी साइड कर देती है और मुस्कुराते हुए वहां से निकल जाती है पर मन मे सोचती है कि ( अब मै करूंगी अपना नाटक ...  हांहां मै नहीं बात  करनी वाली आपसे ) .........

ऋषभ भी रेडी होकर आ जाता है ....दोनों लंच करते है पर अलग अलग प्लेट मे अवनी की ज़िद की वजह से .......फिर वो परी को हॉस्पिटल ले जाते है कार से ....पूरे रास्ते ऋषभ बोलता है पर अवनी बिल्कुल शांत रहती है ,पीछे गाड़ी में आनंद भी बैठा होता है परी के साथ ......वो इस तरह ऋषभ को बाते करता देखता है तो उसका सर चकरा जाता है वो ऋषभ को कहता है ,
आनंद - भाई आप सच मे भाई को क्या ??
ऋषभ - कोई शक ??
आनंद -( हंसते हुए ) भाभी कौनसी गोली खिला रही है 
( ऋषभ .. मिरर मे से ही आनंद को देखने लगता है तो वो मुंह पर उंगली रख लेता है .....इधर अवनी दूसरी साइड फेस करके हंसने लगती है ..फिर सब लोग हॉस्पिटल पहुंच जाते है वहां डॉक्टर परी का चेकअप करता है और कहता है ,
डाक्टर - हम जल्द ही परी का इलाज शुरू कर देंगे...( परी को बेड से उठाकर ) अब आप जल्दी ही ठीक हो जाएंगी ....
( फिर वो मेडिसिन लेते है और ऋषभ चला जाता है ऑफिस.... एक डील की वजह से जो बहुत इंपॉर्टेंट होता है कंपनी के लिए ...और आनंद ..अवनी को घर छोड़ के परी के साथ अपने घर पहुंच जाता है ......

पूरे घर में संजना ने तहलका मचा रखा होता है कि अगर वो देव फिर कभी यहां आया तो उसे आग लगा देगी वहींआनंद जब सुनता है तो उसके रूम मे जाकर कहता है,

आनंद - किसे आग लगाने की बात चल रही है मौतरमा 
..
संजना -( गुस्से में ) सोच रही हूं किसी को कूट दू....आप ही नजर आ रहे हो चिरकुट ...
आनंद - ज्यादा चिरकुट मत बोला करो वरना तुम्हारा जो सीक्रेट है ना ...बड़े ऋषभ को बता दूंगा ....😁
संजना - ( हैरानी से ) कौनसा सीक्रेट ??
आनंद - सोचो सोचो ....मै चला 

( आनंद ऊपर सोने कमरे में चला जाता है , उसके  जाने के बाद संजना परेशान हो जाती है कि उसके भाई को उसका कौनसा वाला सीक्रेट पता चल गया । इस समय  घर में कोई नहीं होता है सिवाय खुशी और संजना के क्योंकि दोनों मम्मा लोग अपनी बहुओं के लिए शॉपिंग करने गई  होती है ......ऊपर आनंद जब कमरे में पहुंचता है तो देखता है कि खुशी बालकनी में खड़ी है सो ..धीरे - धीरे कदमों से जाता है और खुशी की कमर को  पीछे से पकड़ लेता है तो वो डर जाती है और एक लात मार देती है जिससे ..आनंद अपनी टांग को पकड़कर कहता है ,
आनंद - आ तोड़ दिया मेरी टांग को..कैसी बीबी है मेरी ..अपने ही पति को तोड़ने - फोड़ने पर लगी है ..
खुशी -( आनंद के पास बैठकर ) आईएम सॉरी...आपकी टांग ठीक तो है .....

( आनंद पहले रोने के एक्टिंग करता है और फिर जब देखता है खुशी की हालत खराब हो रही तो उसे खींच कर गले लगा लेता है और कहता है )

आनंद - मै ..नाटक कर रहा था पर सच्ची चोट तो लगी है ...
खुशी -( दूर हटाते हुए ) ये ग़लत है ..,पीछे हटिए ..
आनंद -( पूरी तरह से कसकर पकड़ लेता है और कहता है ) ठीक है हट जाता हूं..( खुशी को अलग करके ) पर अब  से वो मौका नहीं मिलेगा ..( आंख मारकर ) रेडी रहना  मेरा दिन शुरू होने वाला है ...

( इतना कहकर आनंद वहां से मुस्कुराता हुए चला जाता है और खुशी उसे हैरानी से देखने लगती है ...)

*****
दूसरी तरफ लगभग 8 बजे के आस पास ऋषभ घर आता है ....पूरी तरह से थका होता है ..मीटिंग की वजह से पर जब अवनी को सामने सोफे पर बैठा देखता है तो उसकी सारी थकान ही ख़तम हो जाती है .....( वो उसे देखकर कहता है ) 
ऋषभ -( धीरे से ❤️) अब जो  दिल में है बात वो बताना पड़ेगा ...
( अवनी पीछे मुड़कर )
अवनी - क्या बताना पड़ेगा ??

( ऋषभ सकपका कर इधर - उधर देखने लगता है और कहता है )
ऋषभ - यही की टॉम एंड जेरी मे टॉम अच्छा होता है ...नहीं जेरी अच्छा होता है ...अरे नहीं दोनों अच्छे होते है …हां उसकी मालकिन बेकार होती है ....
( इतना कहकर वो भाग कर अपने रूम में चला जाता है  तो नीचे अवनी हैरान हो जाती है उसकी बात सुनकर और कहती है  )
अवनी - पीकर तो नहीं आए है ना ये ....कैसी खतरनाक बात करके गए हैं , उफ़ 
( ऋषभ फिर नीचे आ जाता है और दोनों डिनर करते है और फिर रूम में चले जाते है ....ऋषभ ...अपना तकिया और ब्लैंकेट लेकर सोफे पर सोने जा रहा होता है तो वो कहती है)
अवनी - ये आप कहा जा रहे ?

ऋषभ - आप मुझसे नाराज़ है ना ...की मैंने आपके पापा के बारे में पता किया ...
अवनी -( बीच में ही ) हां हूं नाराज...पर कुछ नहीं आप यही सोइए ....वरना मै बालकनी में सो रही ....
( ऋषभ इतना सुनकर झट से बेड पर लेट जाता है और फिर अवनी भी लाइट बन्द करके सो जाती है..............

ऐसे ही 2 - 3 हफ्ते निकल जाते है  और दोनों इसी तरह कभी लड़ते है तो ..कभी हंसते है ..पर इस बीच ऋषभ को ये समझ आ जाता है कि अब वो अवनी के बिना नहीं रह सकता ❤️.......वहीं विहान को खबर मिलती है कि टविंकी जल्द ही डायमंड कंपनी  ज्वाइन करने वाली है... तो वह फिर से पागलो कि तरह खुश होकर सबसे उसकी आने की खबर देता और सबसे ज्यादा तो ऋषभ को क्योंकि ये नौकरी ऋषभ ही दे रहा होता है .......इसी बीच परी का इलाज भी शुरू हो जाता है और डॉक्टर भी कहता है कि जल्द ही वो ठीक हो जाएगी ....डॉक्टर जब भी ये बात कहता ..अवनी के खुशी का ठिकाना नहीं रहता है ......बीच - बीच में ऋषभ ...देव - निल से भी मिल लेता था ....उनकी बहन के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए..........एक दिन शाम को ऋषभ बहुत खुशी में घर  आता है और अचानक से ही  अवनी को गोद में उठाकर कहता है
ऋषभ - आज.....आज मै बहुत खुश हूं ..इतना कि बता भी नहीं सकता आपको पता है हमारा  अमेरिका की एक परफ्यूम कंपनी के साथ डील साइन हो गया ... जिसमें हमारी कंपनी को परफ्यूम बनाने का  कॉन्ट्रैक्ट मिला है .....ये हमारी कंपनी के लिए बहुत खुशी की बात है ,मैंने इस डील को पाने के लिए जी जान लगा दिया था....

( अवनी उसकी इस हरकत से हैरान हो जाती है पर कहती है)
अवनी -( खुशी से) मुझे आप पर नाज है मिस्टर ऋषभ कश्यप...पर मै आपसे बात नहीं करूंगी .....

( ऋषभ उसे मुस्कुराकर देखने लगता है .)

दूसरी तरफ,

.शाम तक सभी घर वालों को ये खबर मिल जाती है ...सब बहुत खुश होते है...तभी आनंद हाथो में मिठाई का डब्बा लेकर आता है और कहता है कि
आनंद - एक और खूसखबरी है 😍


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5 Comments

shweta soni

27-Jul-2022 06:41 AM

Nice 👍

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The traveller

10-Mar-2022 10:50 AM

कहानी अच्छी जा रही है। पढ़ कर मस्त लग रही है। अब देखना ये दूसरी गुड न्यूज क्या हो सकती

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Seema Priyadarshini sahay

10-Mar-2022 01:32 AM

बहुत ही बढ़िया लिखती हैं आप मैम लगता है फिल्म या टीवी में संवाद चल रहे हैं।👌☺️

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